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Rang Rang Ke Phol Khele (Aan Milo Sajna--1970)



रंग रंग के फूल खिले, मोहे भाये कोई रंग ना
हो अब आन मिलो सजना, आन मिलो
दीपक संग पतंगा नाचे, कोई मेरे संग ना
अब आन मिलो सजना, आन मिलो
सजना सजना सजना सजना

ढूंढते तोहे तारों की छाँव में, कितने काँटे चुभे मेरे पाँव में
तूने सूरत दिखायी न जालिमा, परदेसी हुआ रह के गाँव में
, ओय शाबा शाबा
प्रीत मीत बिन सूना सूना, लागे मोरा अँगना
ओ अब आन मिलो सजना...

आई बाग़ों में फूलों की सवारियाँ, मेले की हो गयी सब तैयारियाँ
तेरा मेरा मिलन कब होगा, मिली प्रीतम से सब पनहारियाँ
, ओय शाबा शाबा
दूर दूर रह के जीने से, मैं आ जाऊँ तंग ना
ओ अब आन मिलो सजना...

कैसे पूछूँ मैं प्रेम की पहेलियाँ, संग होती हैं तेरी सहेलियाँ
वे चन्ना किस दम दिया ये सहेलियाँ, मेरिया रातां ने गिनिया अकेलियाँ
, ओ शाबा शाबा
रात रात भर नींद न आये, खन-खन खनके कँगना
ओ अब आन मिलो सजना

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