AARTI (1962) - Baar Baar Tohe Kya Samjhaye Payal Ki Jhankar
बार बार तोहे क्या समझाए पायल की झनकार तेरे बिन साजन लागे ना जिया हमार चुप चुप के करता है इशारें चंदा सौ ...
बार-बार तोहे
क्या समझाये पायल की झंकार?
क्या?
तेरे बिन साजन
लागे ना जिया हमार
छुप-छुप के करता
है इशारे चंदा सौ-सौ बार
क्या?
आ तोहे सजनी ले
चलूं नदिया के पार
तेरे बिन साजन...
चलते-चलते रुक गए
क्यो सजन मेरे?
मिलते-मिलते झुक
गए क्यो नयन तेरे?
झुके-झुके नैना
करते है तुम से ये इक़रार
क्या?
तेरे बिन साजन
लागे ना जिया हमार
आ तोहे सजनी ले
चलूं नदिया के पार
दरिया ऊपर चांदनी
आई संभाल-संभाल
इन लहरो पर मन
मेरा गया मचल-मचल
एक बात कहता हू तुम
से ना करना इनकार
क्या?
आ तोहे सजनी ले
चालू नदिया के पार
तेरे बिन साजन
लागे ना जिया हमार
ना बीते ये रात
हम मिलते ही रहे
बस तारो की छाव
मे चलते ही रहे
नाम तेरा ले-ले
कर गाये धड़कन का हर तार
क्या?
ओ, तेरे बिन साजन लागे ना जिया हमार
बार-बार तोहे
क्या समझाये पायल की झंकार?
तेरे बिन साजन
लागे ना जिया हमार
आ तोहे सजनी ले
चालू नदिया के पार
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