Aapne Yaad Dilaya Toh Mujeh Yadd Aaya - Aarti (1962 ) Lata & Mohammad Rafi
के मेरे दिल पे पढ़ा था कोई ग़म का साया
आपने याद दिलाया
मै भी क्या चीज़ हू खाया था, कभी तीर कोई
दर्द अब जा के उठा, चोट लगे देर हुयी
तुमको हमदर्द जो पाया, तो मुझे याद आया
के मेरे दिल पे पढ़ा था कोई ग़म का साया
आपने याद दिलाया
मै ज़मीन पर हू ना समझा, ना परखना चाह
आसमान पर ये कदम, झूमके रखना चाह
आज जो सर को झुकाया, तो मुझे याद आया
के मेरे दिल पे पढ़ा था कोई ग़म का साया
आपने याद दिलाया
मैने भी सोच लिया, साथ निभाने के
लिए
दूर तक आऔन्गि मैं, तुमको मनाने के
लिए
दिल ने एहसास दिलाया, तो मुझे याद आया
आपने याद दिलाया, तो मुझे याद
आया..
Post a Comment